हाँ, बिहार काश्तकारी (संशोधन) अधिनियम, 2017 की धारा 118 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार रैयती (निजी) जमीन की मापी कराई जाती है।
हाँ, बिहार काश्तकारी (संशोधन) अधिनियम, 2017 की धारा 118 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार रैयती (निजी) जमीन की मापी कराई जाती है।
संप्रति भू-मापी प्रक्रिया पूर्णतः ऑनलाइन है। भू-मापी हेतु आवेदन करने की प्रक्रिया निम्नवत है:
वैसे आवेदन जो पूर्ण रूप से नहीं भरे गए हैं, वो “Application Status” मेनू के अंतर्गत “Incomplete Forms” सबमेनू में दिखाई देगा जिसे आप दुबारा भरकर जमा कर सकते हैं।
आवेदक द्वारा समर्पित आवेदन अंचलाधिकारी के समक्ष ऑनलाइन उपलब्ध होगा। अंचलाधिकारी द्वारा आवेदन की जांच कर जमीन की मापी उपयुक्त होने पर मापी फीस जमा करने के लिए आवेदक को सूचित किया जाएगा। जो आवेदक को अपने लॉगिन अंतर्गत “Application Status” मेनू के “Pending Payment” मेनू में दिखाई देगी।
नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पंचायत क्षेत्र में अवस्थित रैयती जमीन की मापी हेतु प्रति खेसरा ₹1000/- मापी शुल्क निर्धारित है, जिसे आवेदक द्वारा ऑनलाइन जमा किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में प्रति खेसरा ₹500/- मापी शुल्क निर्धारित है, जिसे आवेदक द्वारा ऑनलाइन जमा किया जाएगा।
अतिशीघ्र मापी कराने हेतु तत्काल मापी की व्यवस्था है। शहरी क्षेत्र में तत्काल मापी हेतु प्राप्त आवेदन के आलोक में प्रति खेसरा ₹2000/- मापी शुल्क निर्धारित है, जिसे आवेदक द्वारा ऑनलाइन जमा किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में तत्काल मापी हेतु प्राप्त आवेदन के आलोक में प्रति खेसरा ₹1000/- मापी शुल्क निर्धारित है, जिसे आवेदक द्वारा ऑनलाइन जमा किया जाएगा।
मापी शुल्क जमा करने के दौरान अगर खाते से पैसा कट जाए लेकिन पेमेंट अभी भी भुगतान के लिए लंबित दिखा रहा है तो आवेदक पूर्व के सभी Transaction का स्टेटस “भुगतान सत्यापन” से कर सकते हैं।
मापी शुल्क भुगतान के उपरांत आवेदक को मापी हेतु 3 संभावित तिथि भरे जाने का विकल्प उपलब्ध कराया जाता है। अगर आवेदक द्वारा भरे गए संभावित तिथि को अंचल अमीन उपलब्ध रहते हैं तो अंचलाधिकारी मापी की तिथि इन 3 दिन संभावित तिथि में किसी दिन निर्धारित करते हैं। अथवा अमीन की उपलब्धता के आधार पर मापी का दिन निर्धारित किया जाता है।
आवेदक भू-मापी पोर्टल लॉगिन में उपलब्ध “अमीन उपलब्धता” मेनू से अमीन की उपलब्धता देख सकते हैं।
अंचलाधिकारी द्वारा मापी हेतु अमीन तथा मापी की तिथि निर्धारित करने के पश्चात रैयत को इसकी सूचना SMS तथा पोर्टल से प्राप्त होती है।
मापी के उपरांत अंचल अमीन मापी प्रतिवेदन ऑनलाइन माध्यम से अंचलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। अंचलाधिकारी के स्वीकृति के उपरांत अंचल मापी प्रतिवेदन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदक को उपलब्ध करा दी जाती है।
मापी प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति भू-अभिलेख पोर्टल से प्राप्त कर सकते हैं।
अंचल अमीन के मापी से संतुष्ट नहीं होने की स्थिति में आवेदक भूमि सुधार उपसमाहर्ता के न्यायालय में मापी अपील का आवेदन कर सकते हैं।
मापी अपील वाद दायर करने की प्रक्रिया निम्नवत है:
नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पंचायत क्षेत्र में अवस्थित रैयती जमीन की मापी हेतु प्रति खेसरा ₹1000/- मापी शुल्क निर्धारित है, जिसे आवेदक द्वारा ऑनलाइन जमा किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में प्रति खेसरा ₹500/- मापी शुल्क निर्धारित है, जिसे आवेदक द्वारा ऑनलाइन जमा किया जाएगा।