कृषि भूमि का गैर-कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्त्तन


कृषि भूमि का गैर-कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्त्तन
1. कृषि भूमि का गैर-कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्त्तन के क्या प्रावधान हैं?

कृषि भूमि का गैर-कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्त्तन **बिहार कृषि भूमि (गैर-कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्त्तन) अधिनियम, 2010** एवं **बिहार कृषि भूमि (गैर-कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्त्तन) नियमावली, 2011** के तहत किया जाता है।

2. कृषि भूमि का गैर-कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्त्तन हेतु आवेदन करने तथा निष्पादन के क्या प्रावधान हैं?

बिहार में भू-संपरिवर्तन की प्रक्रिया **बिहार कृषि भूमि (गैर-कृषि प्रयोजनों के लिए संपरिवर्तन) अधिनियम, 2010** के तहत की जाती है। संप्रति यह प्रक्रिया पूर्णतः ऑनलाइन है।

भू-संपरिवर्तन की प्रक्रिया निम्नवत है:

  1. https://landconversion.bihar.gov.in/ को खोलें तथा अपने मोबाइल न0 की मदद से लॉगिन करें। (अगर नए user है तो पहले आप रजिस्ट्रेशन करें)
  2. आवेदन करने के लिए “Start New Application” पर क्लिक करें।
  3. अब आप जिस भूमि का संपरिवर्तन कराना चाहते है उस खेसरा का Computerized Jamabandi No दर्ज कर “Get Details” पर क्लिक करें।
  4. अब आपको उस जमाबंदी के सभी खेसरा का विवरण दिखाई देगा। जिस खेसरा को संपरिवर्तन करना चाहते है उस खेसरा को चुनें तथा संपरिवर्तन हेतु उस खेसरा का रकबा, चौहद्दी तथा संपरिवर्तन का कारण दर्ज करें।
  5. अगर उसी खेसरा के अन्य खेसरा के रकबा का संपरिवर्तन कराना चाहते है तो उस खेसरा का रकबा, चौहद्दी तथा संपरिवर्तन का कारण भी दर्ज करें।
  6. अगर इसी आवेदन में दूसरे जमाबंदी के खेसरा को भी add करना चाहते है तो “Add More Jamabandi Number” में अपना दूसरा जमाबंदी न0 डालकर add बटन पर क्लिक करें। तथा ऊपर दिये गए प्रक्रिया से खेसरा का विवरण भरें।
  7. सभी खेसरा का विवरण भर कर save बटन पर क्लिक करें तथा “proceed to next step” पर क्लिक करें।
  8. अब आप आवेदक का रिपोर्ट को भर कर Save बटन पर क्लिक करें। आपको आपके द्वारा भरे गए सभी विवरण दिखाई देंगे, विवरण का सत्यापन कर next बटन पर क्लिक करें। विवरण गलत होने पर पूर्व के स्टेप में जाकर विवरण में सुधार कर सकते है।
  9. अब आप आवेदन से संबन्धित Declaration को चुन कर Send OTP पर क्लिक करें, तथा मोबाइल पर प्राप्त OTP को भर कर Submit बटन पर क्लिक करें। आपका आवेदन अनुमंडल पदाधिकारी के समक्ष दायर हो जाएगा तथा स्क्रीन पर आपको आपके आवेदन का संख्या तथा उसका Status दिखाई देगा।

भू-संपरिवर्तन आवेदन के निष्पादन की प्रक्रिया:

  1. भू-संपरिवर्तन आवेदन अनुमंडल पदाधिकारी के समक्ष दायर होते है।
  2. अनुमंडल पदाधिकारी आवेदन की संपरिवर्तन हेतु भौतिक जांच तथा संपरिवर्तन शुल्क की जानकारी हेतु आवेदन को क्रमशः अंचलाधिकारी तथा जिला उप निबंधक पदाधिकारी को भेजते हैं।
  3. अंचलाधिकारी तथा जिला उप निबंधक पदाधिकारी से प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत अनुमंडल पदाधिकारी आवेदक को संपरिवर्तन शुल्क भुगतान हेतु सूचित करते है।
  4. आवेदक के संपरिवर्तन शुल्क भुगतान के उपरांत अनुमंडल पदाधिकारी अपने लॉगिन से आवेदन को स्वीकृत कर भू-संपरिवर्तन प्रमाण पत्र निर्गत करेंगे।
3. सम्परिवर्त्तन के लिए आवेदन के साथ संलग्न किये जाने वाले अभिलेख/दस्तावेज क्या हैं?

संपरिवर्तन की प्रक्रिया ऑनलाइन किए जाने के बाद आवेदन ऑनलाइन जमाबंदी के चयन के उपरांत किया जाना होता है। ऑनलाइन आवेदन के साथ साक्ष्य के रूप में **अद्यतन लगान रशीद/ नजरिए नक्सा** अपलोड करना होता है।

4. सम्परिवर्त्तन हेतु फीस की भुगतान कैसे करें?

अधिनियम की धारा-4 के अधीन यथा विनिर्दिष्ट सम्परिवर्त्तन फीस **भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899** के प्रावधानों के अधीन ऑनलाईन माध्यम से भुगतान किया जाता है। आवेदक को सम्परिवर्त्तन के लिए कृषि भूमि का बाजार मूल्य का **10% सम्परिवर्त्तन शुल्क** के रूप में भुगतान करना होता है।

5. सम्परिवर्त्तन फीस में छूट के क्या प्रावधान हैं?

अधिनियम की धारा-7 के अधीन **उद्योग विभाग, बिहार सरकार द्वारा अधिसूचित उद्योगों** से संबंधित कृषि भूमि का गैर कृषि भूमि समपरिवर्त्त, समय-समय पर सक्षम प्राधिकार की पूर्व अनुमति से स्वीकृत किया जा सकता है।

6. सम्परिवर्त्तन की स्वीकृति हेतु सक्षम प्राधिकार कौन हैं?

अधिनियम की धारा-2(छ)-बिहार कृषि भूमि (गैर-कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्त्तन) अधिनियम, 2010 के तहत सक्षम प्राधिकार **अनुमंडल पदाधिकारी** है।

7. किस भूमि का सम्परिवर्त्तन अनपेक्षित है?

अधिनियम की धारा-8-बिहार कृषि भूमि (गैर-कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्त्तन) अधिनियम, 2010 के तहत निम्नलिखित भूमि की अनुमति अनपेक्षित है:

  • राज्य सरकार के स्वामित्व की भूमि;
  • स्थानीय प्राधिकार के स्वामित्व की भूमि, जिनका उपयोग सामुदायिक प्रयोजनों के लिए (व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए उपयोग नहीं हो)
  • धार्मिक, सामाजिक एवं दातव्य प्रयोजनों के लिए (व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए उपयोग नहीं हो)
  • एक एकड़ से अनधिक पारस्परिक पेशा युक्त सूक्ष्म गृह उद्योग के लिए
  • छोटी दुकानों के लिए (500 वर्गफीट से अधिक न हो)
  • रैयत और उसके परिवार के घरेलू या कृषि प्रयोजनों के लिए अथवा किसी शैक्षणिक या पूर्त प्रयोजनों के लिए ईट और खपड़े बनाना
  • रैयत और उसके परिवार को देय या अन्य धरेलू प्रयोजनों के लिए अथवा किसी धार्मिक या पूर्त संथाओं को जलापूर्त्ति की व्यवस्था करने के आशय से तालाब या कुएँ खोदना
  • रैयत और उसके परिवार के घरेलू या कृषि प्रयोजनों के लिए अथवा किसी शैक्षणिक या पूर्त प्रयोजनों के लिए भवन उठाना।
  • सौर ऊर्जा के लिए उपयोग की भूमि।
8. सक्षम प्राधिकार द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध अपील एवं पुनरीक्षण का प्रावधान क्या है?

अधिनियम की धारा-9-अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा पारित आदेश से व्यथित आवेदक **60 दिनों की भीतर समाहर्त्ता के समक्ष अपील** दायर कर सकता है एवं समाहर्त्ता के आदेश के विरूद्ध **30 दिनों के भीतर प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष पुनरीक्षण मामला** दायर किया जा सकता है।

9. अनधिकृत सम्परिवर्त्तन के लिए शास्ति क्या प्रावधान है?

अधिनियम की धारा-6(4)-अनधिकृत सम्परिवर्त्तन के मामले में सक्षम प्राधिकार अधिनियम की धारा-4 में विनिर्दिष्ट उक्त भूमि के लिए सम्परिवर्त्तन फीस के अतिरिक्त सम्परिवर्त्तन फीस के **50% की शास्ति** अधिरोपित करेगा।